रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी समझौते को मंजूरी दी है। इस महत्वपूर्ण समझौते को पहले रूस की संसद भी पास कर चुकी है। जनवरी में ईरान के राष्ट्रपति के मॉस्को दौरे के दौरान इस समझौते की रूपरेखा तय हुई थी।
इस समझौते की रूपरेखा जनवरी में तय हुई थी जब ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने मॉस्को का दौरा किया था। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा का उपयोग और पश्चिमी देशों के एकतरफा प्रतिबंधों से मुकाबला करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे। हालांकि, इस समझौते में नियम नहीं है, कि किसी तीसरे देश से हमला होता हैं तो दोनों देश मिलकर जवाबी कार्रवाई करेंगे ।
समझौते के बीच रूस और ईरान आर्थिक सहयोग बढ़ाएंगे, अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करेंगे और राजनीतिक तथा सैन्य संबंधों को मजबूत करेंगे। कुल 47 अनुच्छेदों में आतंकवाद विरोधी प्रयास, तकनीकी, सूचना एवं साइबर सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, मनी लॉन्ड्रिंग, और संगठित अपराधों से निपटने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम की कोशिशें जारी हैं, हालांकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में 30 घंटे के युद्धविराम की घोषणा की थी, लेकिन रविवार को लड़ाई फिर शुरू हो गई। यूक्रेन ने युद्धविराम को सिर्फ “नाटक” बताया है।
इस समझौते को रूस और ईरान के बीच बढ़ती निकटता का प्रतीक माना जा रहा है, जो पश्चिमी दबाव और प्रतिबंधों का मिलकर मुकाबला करना चाहते हैं।