साजिश के तहत हुआ हमला —यह कहना है समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का, जो शनिवार को अपने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के समर्थन में आगरा पहुंचे। करणी सेना द्वारा सुमन के आवास पर किए गए हमले के बाद यादव ने इसे एक पूर्वनियोजित राजनीतिक साजिश बताया और योगी सरकार पर विपक्ष को डराने का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब उनके पार्टी के सांसद के साथ ऐसी घटना हो सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, “हमारे लोग जब शिकायत दर्ज कराने जाते हैं तो पुलिस सुनती नहीं, और अगर सुन भी ले तो कार्रवाई नहीं होती। ऐसा लगता है कि सरकार खुद ही इस साजिश में शामिल है।”
करणी सेना के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा कि यह कोई सामान्य विरोध नहीं था, बल्कि एक जानलेवा हमला था। “जिस तरीके से प्रदर्शन हुआ, जिस भाषा का प्रयोग किया गया और जो हिंसा की गई, उससे साफ है कि उनका इरादा नुकसान पहुंचाने का था—शायद जान लेने का भी,” अखिलेश ने कहा।
रामजीलाल सुमन ने भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गहरी चिंता जताई और अखिलेश यादव के आगरा दौरे को भावनात्मक समर्थन बताया। उन्होंने कहा, “जब हमारे नेता खुद हमें समर्थन देने आते हैं, तो हम अकेले नहीं महसूस करते। यह सिर्फ राजनीतिक नहीं, मानवीय सहयोग भी है।”
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि लोकतंत्र में असहमति का स्थान है, लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं हो सकती। उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो, वरना समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगी। “हम चुप नहीं बैठेंगे। अगर आज सांसद निशाने पर हैं, तो कल आम लोग भी सुरक्षित नहीं रहेंगे,” उन्होंने चेतावनी दी।
अखिलेश यादव के इस दौरे को राजनीतिक विश्लेषक भावनात्मक मजबूती और सियासी संदेश दोनों के तौर पर देख रहे हैं। इससे यह साफ हो गया है कि सपा अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ हर मोर्चे पर खड़ी है। वहीं, योगी सरकार की तरफ से अब तक इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता अब इस मुद्दे को लेकर प्रदेश भर में जागरूकता और आंदोलन की योजना बना रहे हैं। पार्टी इसे बीजेपी शासन की ‘तानाशाही मानसिकता’ और विपक्ष को दबाने की नीति के रूप में पेश कर रही है।