अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान को परमाणु समझौते पर झुकाने के लिए दी गई “बमबारी” की धमकी के कुछ ही घंटों बाद, ईरान ने अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ा दिया। तेहरान टाइम्स के अनुसार, ईरान की सशस्त्र सेनाओं ने ऐसी मिसाइलें तैनात कर दी हैं, जो दुनिया भर में अमेरिका से जुड़े ठिकानों को निशाना बना सकती हैं।
ईरान का पलटवार: मिसाइलें लॉन्च के लिए तैयार
रिपोर्ट में दावा किया गया कि “ईरान की कई मिसाइलें भूमिगत ठिकानों में स्थित हैं, जो हवाई हमलों से बचने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।”
इससे पहले, रविवार को NBC न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था:
“अगर वे (ईरान) समझौता नहीं करते, तो बमबारी होगी। यह ऐसी बमबारी होगी, जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी।”
ईरान ने इस बयान को सीधी सैन्य धमकी मानते हुए अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर लिया है।
ट्रंप की नई रणनीति: आर्थिक और सैन्य दबाव
ट्रंप केवल सैन्य कार्रवाई की धमकी तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने ईरान और उसके व्यापारिक साझेदारों पर नए प्रतिबंध लगाने की संभावना भी जताई। उन्होंने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जो तेहरान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।
2015 का परमाणु समझौता और मौजूदा विवाद
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2015 के ज्वाइंट कंप्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA), जिसे ईरान परमाणु समझौते के रूप में जाना जाता है, से अमेरिका को बाहर कर लिया था। इस समझौते में ईरान पर परमाणु कार्यक्रम सीमित रखने के कड़े नियम लागू किए गए थे, जिसके बदले उसे आर्थिक प्रतिबंधों में छूट दी गई थी।
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनका प्रशासन वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन ईरान को यह साबित करना होगा कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियन की कड़ी प्रतिक्रिया
ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने ट्रंप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अमेरिका के साथ प्रत्यक्ष वार्ता से इनकार कर दिया, लेकिन संकेत दिया कि ओमान की मध्यस्थता में अप्रत्यक्ष वार्ता जारी रह सकती है।
“हम वार्ता से पीछे नहीं हट रहे हैं। बल्कि, यह उनकी बेईमानी है, जिसने अब तक हमारे लिए समस्याएं खड़ी की हैं। उन्हें यह साबित करना होगा कि वे अपने निर्णयों में भरोसेमंद हो सकते हैं, और मुझे उम्मीद है कि यह साकार होगा,” उन्होंने AFP न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा।
क्या बढ़ेगा टकराव? दुनिया की नजरें अमेरिका और ईरान पर
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, वैश्विक राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ट्रंप अपने सैन्य और आर्थिक दबाव की नीति पर कायम रहते हैं, तो मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ सकता है।
अब सबकी निगाहें अमेरिका और ईरान के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या यह संघर्ष बातचीत से सुलझेगा, या हालात और बिगड़ेंगे? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।