तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन की बैठक गुरुवार को पटना स्थित आरजेडी कार्यालय में संपन्न हुई। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर हुई इस बैठक में आरजेडी, लेफ्ट, वीआईपी सहित महागठबंधन के सभी प्रमुख घटक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। चर्चा के दौरान सीट बंटवारा, साझा एजेंडा और जन सरोकार के मुद्दों को लेकर विस्तार से मंथन हुआ।
इस बैठक से सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह सामने आया कि महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया गया है और इस कमेटी की कमान खुद तेजस्वी यादव को सौंपी गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने आत्मविश्वास से कहा, “थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए।”
उन्होंने कहा कि जनता 20 साल की थकी हुई और भ्रष्ट सरकार से ऊब चुकी है। बिहार में बेरोजगारी, गरीबी और अपराध चरम पर है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार आज भी देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य बना हुआ है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार और केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि “बिहार की बदहाली के लिए सिर्फ नीतीश नहीं, पूरा एनडीए दोषी है।”
तेजस्वी ने बिहार की गिरती कानून व्यवस्था की कई घटनाएं गिनाईं—नालंदा में महिला के साथ हुई बर्बरता, युवतियों के अपहरण और गैंगरेप की घटनाएं, पुलिस की पिटाई, और अपराधियों का बेलगाम होना—इन सबके लिए उन्होंने नीतीश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया।
महागठबंधन की बैठक में निर्णय लिया गया कि आने वाले चुनावों में गठबंधन पूरी मजबूती से जनता के बीच जाएगा और जन-सरोकार के मुद्दों को प्रमुखता देगा। गठबंधन की रणनीति के केंद्र में अब गरीब, मजदूर, किसान और युवा रहेंगे।
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि “इस बार लड़ाई सत्ता की नहीं, सिस्टम की है। हम जनादेश का अपमान नहीं होने देंगे। बिहार को एक स्थिर, ईमानदार और जवाबदेह सरकार की ज़रूरत है। हम सब मिलकर बिहार को वो देंगे।”
महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी अब चुनावी घोषणा पत्र, सीट बंटवारे और ज़मीनी कार्ययोजना पर काम करेगी। हर पार्टी से इसमें प्रतिनिधि रहेंगे, लेकिन नेतृत्व रहेगा तेजस्वी यादव के हाथों में।
इस बैठक में एकता का संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया। सभी दलों ने तेजस्वी पर भरोसा जताया और कहा कि आने वाले चुनाव में तेजस्वी ही बिहार की जनता के चेहरे होंगे। जब तेजस्वी से मुख्यमंत्री पद को लेकर पूछा गया तो उन्होंने चुटीले अंदाज़ में कहा, “हर चीज़ एक दिन में थोड़े बताना है, थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए।”
बिहार की राजनीति अब निर्णायक मोड़ पर है। क्या महागठबंधन जनता के भरोसे पर खरा उतरेगा या फिर सत्ता की कुर्सी एक बार फिर NDA के हाथ जाएगी—इसका फैसला सितंबर-अक्टूबर में जनता करेगी। फिलहाल, महागठबंधन पूरी तैयारी में जुट चुका है और उसका चेहरा साफ है—तेजस्वी यादव।