बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही पक्ष अपनी रणनीति को धार देने में जुटे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आगामी दो दिवसीय बिहार दौरा (29-30 मार्च) बेहद अहम माना जा रहा है।
इस दौरान वह पटना में भाजपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे और 30 मार्च को गोपालगंज में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि यह रैली एनडीए के चुनावी अभियान की शुरुआत (शंखनाद) होगी।
बिहार आएंगे अमित शाह,पटना में होगी बीजेपी की रणनीतिक बैठक
29 मार्च को शाम 7 बजे पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता खुद अमित शाह करेंगे। बैठक में सभी सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, प्रदेश पदाधिकारियों और संगठन मंत्रियों को समय से पहले पहुंचने का निर्देश दिया गया है। इस बैठक में चुनावी रणनीति, क्षेत्रवार कमजोरियां और विपक्ष के प्रभाव की समीक्षा की जाएगी।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
- किन क्षेत्रों में एनडीए पिछली बार कमजोर रहा
- चिराग पासवान के 2020 के एकतरफा चुनावी फैसले का असर और भरपाई
- प्रशांत किशोर की पार्टी का प्रभाव और उसकी काट
- केंद्र की योजनाओं को प्रचार में कैसे जोड़ा जाए
- विपक्ष के वादों का क्या जवाब तैयार किया जाए
इन तमाम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा होगी।
30 मार्च को सीएम आवास पर दूसरी बड़ी बैठक
30 मार्च को शाम 3 बजे मुख्यमंत्री आवास पर NDA के शीर्ष नेताओं की दूसरी महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसमें गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जेडीयू, लोजपा, हम और आरएलएसपी के नेता जैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे।
सीट बंटवारे पर टिकी होंगी निगाहें
इस बैठक में सबसे अहम विषय सीटों का बंटवारा और चुनाव प्रचार की रूपरेखा होगा। 2020 के विधानसभा चुनाव में जहां जेडीयू और बीजेपी ने 110 से अधिक सीटों पर लड़ा था, वहीं इस बार चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा की हिस्सेदारी को लेकर नई चुनौती है। 2019 में एनडीए छोड़ने वाले कुशवाहा इस बार NDA के साथ हैं, जबकि मुकेश सहनी इस बार महागठबंधन में हैं।
2020 के चुनाव में सीटों का गणित कैसा था?
- जेडीयू: 115 सीटों पर
- बीजेपी: 110 सीटों पर
- हम (मांझी की पार्टी): 7 सीटें
- VIP (मुकेश सहनी): 11 सीटें
इस बार समीकरण बदले हैं, सहनी एनडीए से बाहर हैं, और NDA को एकजुट दिखाना होगा।
Amit Shah और Nitish होंगे फ्रंटफुट पर
NDA की एकता और जीत की रणनीति को लेकर अब कोई ढील नहीं बरती जाएगी। इसलिए खुद गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में सक्रिय भागीदारी करेंगे ताकि चुनावी रणनीति को मजबूत और निर्णायक बनाया जा सके।