लेटेस्ट ख़बरे विधानसभा चुनाव ओपिनियन जॉब - शिक्षा विदेश मनोरंजन खेती ऑटो वीडियो नारीनामा खेल ओबीसी नायक लाइफस्टाइल

लालू प्रसाद यादव का ओबीसी सशक्तिकरण में योगदान: सामाजिक न्याय से राजनीतिक उत्थान तक

लालू प्रसाद यादव का बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के विकास और सशक्तिकरण में। उनके शासनकाल (1990-2005) में ओबीसी, दलित और गरीब वर्गों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई क्रांतिकारी फैसले लिए गए। आइए, उनके प्रमुख योगदानों को विस्तार से समझते हैं।

सामाजिक न्याय और आरक्षण नीति में सुधार

लालू प्रसाद यादव ने बिहार में सामाजिक न्याय की राजनीति को एक नई दिशा दी। उन्होंने ओबीसी, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण को और प्रभावी बनाया।

  • मंडल आयोग की सिफारिशों का समर्थन
    1990 में जब केंद्र सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की, तब लालू यादव ने खुलकर इसका समर्थन किया। उन्होंने बिहार में भी इसे पूरी शक्ति से लागू किया, जिससे ओबीसी को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27% आरक्षण मिला।
    ➡ इससे पिछड़े वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में प्रवेश के अवसर बढ़े।
  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए अलग कोटा
    ओबीसी में भी लालू यादव ने ‘अत्यंत पिछड़ा वर्ग’ (EBC) और ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ (OBC) के बीच आरक्षण को विभाजित किया।
    ➡ इससे EBC वर्ग को 14% और OBC को 12% आरक्षण मिला, जिससे समाज के सबसे वंचित वर्गों को आगे बढ़ने का अवसर मिला।
  • पंचायती राज में महिलाओं और पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व
    लालू यादव ने बिहार में पंचायत व्यवस्था में पिछड़े वर्गों और महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए 50% आरक्षण लागू किया।
    ➡ इससे गांव-गांव तक पिछड़े वर्गों की राजनीतिक भागीदारी बढ़ी और उन्हें नेतृत्व के अवसर मिले।

शिक्षा में सुधार और चरवाहा विद्यालय

लालू यादव ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाया और गरीब, दलित एवं पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए विशेष प्रयास किए।

  • चरवाहा विद्यालय (Charwaha Vidyalaya) योजना
    लालू यादव ने चरवाहा विद्यालय शुरू किए, जो विशेष रूप से गरीब और पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए थे।
    ➡ इन विद्यालयों में वे बच्चे पढ़ सकते थे, जो पारंपरिक रूप से मवेशी चराने या मजदूरी करने के लिए मजबूर थे।
    हालाँकि यह योजना पूरी तरह सफल नहीं हो सकी, लेकिन यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था।
  • सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के प्रयास
    उन्होंने सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं।
    ➡ इससे पिछड़े वर्गों के हजारों बच्चे पहली बार स्कूल जाने लगे।

सरकारी नौकरियों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व बढ़ाया

  • लालू यादव के शासनकाल में बिहार की प्रशासनिक सेवाओं में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व तेजी से बढ़ा।
    ➡ पहले प्रशासनिक सेवाओं में उच्च जातियों का वर्चस्व था, लेकिन लालू यादव के प्रयासों से ओबीसी और दलितों को उच्च पदों पर जाने का अवसर मिला।
  • उन्होंने सरकारी भर्तियों में पिछड़े वर्गों के लिए विशेष अभियान चलवाए।
    ➡ इससे बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में ओबीसी और EBC की भागीदारी बढ़ी।

सांस्कृतिक और राजनीतिक सशक्तिकरण

लालू यादव ने सिर्फ सरकारी योजनाओं से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक तरीकों से भी ओबीसी को सशक्त किया।

  • ‘लव-कुश’ समीकरण और यादव-कोइरी-कुर्मी गठजोड़
    लालू यादव ने यादव, कोइरी और कुर्मी जातियों को एक मजबूत सामाजिक और राजनीतिक शक्ति में बदल दिया, जिसे ‘लव-कुश समीकरण’ कहा जाता है।
    ➡ इससे बिहार की राजनीति में पहली बार ओबीसी समुदाय का प्रभुत्व बढ़ा।
  • पिछड़े वर्गों के नायकों को बढ़ावा
    उन्होंने कई पिछड़े वर्गों के नायकों (जैसे कर्पूरी ठाकुर) को सम्मानित किया और उनकी विरासत को आगे बढ़ाया।
    ➡ इससे पिछड़े वर्गों में आत्मसम्मान और सामाजिक चेतना आई।
  • भाषा और बोलचाल में बदलाव
    लालू यादव ने अपनी देहाती भाषा और मजाकिया शैली से बिहार की राजनीति में नई भाषा गढ़ी, जिससे गरीब और पिछड़े वर्गों को लगा कि उनका नेता उन्हीं में से एक है।
    ➡ इससे ओबीसी और अन्य गरीब तबकों का आत्मविश्वास बढ़ा।

निष्कर्ष

लालू प्रसाद यादव ने बिहार में ओबीसी के उत्थान के लिए कई बड़े कदम उठाए। उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा, सरकारी नौकरियों और सांस्कृतिक सशक्तिकरण के माध्यम से पिछड़े वर्गों को नई पहचान दी।

हालाँकि उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे और कुछ योजनाएँ पूरी तरह सफल नहीं हो सकीं, लेकिन यह सच है कि बिहार की राजनीति और समाज में ओबीसी को मजबूत करने में लालू यादव की भूमिका ऐतिहासिक रही है।

आज भी बिहार में ओबीसी राजनीति में मजबूत स्थिति में हैं, और इसका श्रेय काफी हद तक लालू यादव की नीतियों को जाता है।

ताज़ा खबरों से अपडेट रहें! हमें फ़ॉलो जरूर करें X (Formerly Twitter), WhatsApp Channel, Telegram, Facebook रियल टाइम अपडेट और हमारे ओरिजिनल कंटेंट पाने के लिए हमें फ़ॉलो करें

Other Entrance Exam news

रविराज यादव करियर मार्गदर्शन के क्षेत्र में 15 वर्षों से ज़्यादा समय तक कम किया है। उन्होंने NSUT दिल्ली से स्नातक किया है और 1000+ शैक्षणिक लेखों की समीक्षा की है। भारत में शिक्षा में गहरी रुचि रखने वाले रविराज छात्रों को उनके करियर पथ को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में सशक्त बनाने के लिए समर्पित हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री कार्यालय (दिल्ली सरकार) में सलाहकार बोर्ड सदस्य और एक दिल्ली सरकारी स्कूल में कंप्यूटर साइंस शिक्षक के रूप में भी कार्य किया है।

Leave a Comment

Exit mobile version