जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले से 3 जुलाई 2022 को एक बड़ी खबर सामने आई थी जब गांव वालों ने बहादुरी दिखाते हुए दो संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पकड़े गए आतंकियों में से एक की पहचान तालिब हुसैन शाह के रूप में हुई थी, जो पहले बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा, जम्मू प्रांत का आईटी और सोशल मीडिया प्रमुख रह चुका था।
उस वक्त के मीडिया में छपे रिपोर्ट के अनुसार, तालिब हुसैन शाह को 9 मई 2022 को इस पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उसने 27 मई 2022 को इस्तीफा दे दिया था।
गांव वालों ने जब दोनों आतंकियों को पकड़ा था, तब उनके पास से दो AK-47 राइफलें, सात ग्रेनेड, एक पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया था कि तालिब हुसैन पाकिस्तान स्थित लश्कर के हैंडलर ‘कासिम’ के संपर्क में था और उस पर राजौरी जिले में तीन आईईडी धमाकों, नागरिकों की हत्या और ग्रेनेड हमलों में शामिल होने का संदेह जताया गया था।
गांव वालों की बहादुरी के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी ने ₹2 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी, जबकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ₹5 लाख रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की थी।
भाजपा ने बाद में स्पष्ट किया था कि तालिब हुसैन शाह का पार्टी से जुड़ाव सीमित समय के लिए था और ऑनलाइन सदस्यता प्रक्रिया के चलते उसकी पृष्ठभूमि की गहन जांच नहीं हो पाई थी। पार्टी प्रवक्ता आर.एस. पठानिया ने इसे आतंकियों की एक नई रणनीति बताया था, जिसमें वे राजनीतिक दलों में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।
न्यूज़ सोर्स: जिस आतंकी को पुलिस ने जम्मू में दबोचा वो निकला बीजेपी आईटी सेल का पूर्व प्रमुख